उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ (MYUVA) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को उद्यमी बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें हर साल 1 लाख युवाओं को 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
यदि इस अवधि के भीतर ऋण का पूर्ण भुगतान कर दिया जाता है, तो पात्र युवाओं को आगे 10 लाख रुपये तक का ऋण भी मिल सकेगा।
योजना का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करना है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ें और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
ऋण प्राप्ति की प्रक्रिया
योजना के अंतर्गत सूक्ष्म उद्यम और सेवा क्षेत्र से जुड़े युवाओं को 5 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट के लिए ऋण दिया जाएगा। यदि किसी प्रोजेक्ट की कुल लागत 10 लाख रुपये तक होती है, तो अतिरिक्त धनराशि का प्रबंध लाभार्थी को स्वयं करना होगा।
अंशदान की श्रेणियां
लाभार्थियों को परियोजना की कुल लागत का एक निश्चित प्रतिशत अंशदान के रूप में जमा करना होगा, जो निम्नानुसार है:
श्रेणी | अंशदान प्रतिशत |
---|---|
सामान्य वर्ग | 15% |
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) | 12.5% |
अनुसूचित जाति/जनजाति/दिव्यांग | 10% |
विशेष रूप से बुंदेलखंड, पूर्वांचल और आकांक्षी जिलों जैसे चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच आदि के लाभार्थियों के लिए अंशदान 10% निर्धारित किया गया है।
ब्याज सब्सिडी और अधिस्थगन अवधि
योजना के तहत चार वर्षों तक 100% ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे युवाओं को आर्थिक राहत मिलेगी। साथ ही, ऋण की तिथि से 6 महीने की अधिस्थगन अवधि (Moratorium Period) भी दी जाएगी, अर्थात पहले 6 महीनों तक ऋण की किस्त चुकाने की आवश्यकता नहीं होगी।
डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, प्रत्येक डिजिटल ट्रांजैक्शन पर 1 रुपये का अनुदान मिलेगा, जो साल में अधिकतम 2,000 रुपये तक हो सकता है।
यूपी एग्रीस योजना
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने ‘यूपी एग्रीस’ नामक योजना को भी मंजूरी दी है, जो 28 जिलों में लागू होगी, जिसमें बुंदेलखंड, गोरखपुर, वाराणसी, बस्ती आदि शामिल हैं। इस योजना के तहत कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए नवाचार और खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित किया जाएगा। परियोजना की कुल लागत 4,000 करोड़ रुपये है और इसे विश्व बैंक का समर्थन प्राप्त है।
आवेदन प्रक्रिया
योजना के तहत आवेदन करने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं कक्षा उत्तीर्ण है, हालांकि इंटरमीडिएट (कक्षा 12) उत्तीर्ण उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी।
आवेदकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जिला एक उत्पाद योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति प्रशिक्षण योजनाएं और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
महत्वपूर्ण बिंदु
- लक्ष्य: अगले 10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना।
- प्रति वर्ष लाभार्थी: 1 लाख युवा।
- प्रथम चरण ऋण राशि: 5 लाख रुपये तक, 4 वर्षों तक ब्याज मुक्त।
- द्वितीय चरण ऋण राशि: प्रथम ऋण के सफल पुनर्भुगतान के बाद 10 लाख रुपये तक।
- अंशदान प्रतिशत: श्रेणी के अनुसार 10% से 15% तक।
- डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: प्रति ट्रांजैक्शन 1 रुपये, अधिकतम 2,000 रुपये प्रति वर्ष।
योजना के तहत कौन आवेदन कर सकता है?
उत्तर प्रदेश के 21 से 40 वर्ष के निवासी, जिन्होंने न्यूनतम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की है और सरकार की मान्यता प्राप्त योजनाओं के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया है, आवेदन कर सकते हैं।
ऋण की ब्याज मुक्त अवधि कितनी है?
प्रथम चरण में 5 लाख रुपये तक के ऋण पर 4 वर्षों तक 100% ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
क्या डिजिटल लेनदेन पर कोई प्रोत्साहन मिलेगा?
हाँ, प्रत्येक डिजिटल ट्रांजैक्शन पर 1 रुपये का अनुदान मिलेगा, जो साल में अधिकतम 2,000 रुपये तक हो सकता है।